नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेशमहाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए लगातार देश के कोने-कोने से शिव भक्त अपने नीलकंठ धाम आते हैं. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था. विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा गया. अमांडा मंदिर, असम ब्रह्मपुत्रा …
Read More »Web_Wing
जानें, घर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के चित्र लगाने के नियम
भगवान शिव की साकार रूप में पूजा लिंग स्वरुप में सबसे ज्यादा होती है. जहाँ इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं उसको ज्योतिर्लिंग कहते हैं. कुल मिलाकर भगवान शिव के द्वादश (बारह) ज्योतिर्लिंग हैं- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुश्मेश्वर. भगवान के अन्य लिंगों की पूजा की तुलना …
Read More »हनुमान चालीसा पढ़ते समय जरूर बरतें ये सावधानियां
भक्त द्वारा अपने भगवान या इष्ट को प्रसन्न करने करने लिए तथा अपनी समस्याओं के निवारण के लिए सरल भाषा मैं की गयी प्रार्थना चालीसा कही जाती है. इसको चालीसा इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें चालीस लाइन होती हैं. सरल भाषा में लिखा होने के कारण इसको आसानी से पढ़ा जा सकता है इसलिए यह जनता में काफी लोकप्रिय हुआ. …
Read More »श्रीकृष्ण की बताई गई ये 4 बातें, कलियुग में जिंदगी आसान बना सकती है
आधुनिक जीवन में सफलता का अर्थ पैसों और सुख-सुविधा की चीजों से जुड़ा हुआ है. आप जितना भी धन कमा लेंगे दुनिया आपको उतना ही कामयाबी कहेगी, अंधाधुध पैसे कमाने की होड़ में कोई व्यक्ति ये नहीं सोचता कि उससे भौतिक दुनिया की सुख-सुविधा कमाने के कारण कितने पाप हो गए हैं. श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कई नीतियों …
Read More »पहले लक्ष्मण और फिर प्रभु श्रीराम ने ली सरयू में जल समाधि
जो आया है सो जाएगा। कौन, कब और कैसे जाएगा यह भी पहले से तय है। स्वयं भगवान भी इसके अपवाद नहीं हैं। यदि उनका भूलोक पर जन्म हुआ है तो उन्हें समाधि लेनी ही होगी। प्रभु श्रीराम ने भी लगभग 10 हजार वर्षों तक राज करने के बाद जल समाधि ले ली थी। इसका विवरण पद्मपुराण में मिलता है। …
Read More »