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माँ पार्वती ने स्वयं शिव के शिवलिंग रूप की स्थापना की थी इस मंदिर में

दक्षिण भारत के चिन्नई तमिलनाड़ु राज्य में स्थित है कपलेश्वर मंदिर जो बहुत ही प्रसिद्ध है भगवान शिव का यह मंदिर लगभग  1250 ईस्वी  पूर्व में बनाया गया है. हर रोज हजारों की तादात  में भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए एकत्रित होती है .और महा शिवरात्रि पर्व पर तो यहां   भक्त लाखों की तादात में  दर्शन करने आते …

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सृष्टि को आलोकमान करते हैं भगवान सूर्य

इस सृष्टि में सृजन से पहले कुछ भी नहीं था। घनघोर अंधकार था। ऐसे में परमशक्ति परम पिता परमात्मा  अपने तेज और शक्ति से एक आलोकमान तत्व को अस्तित्व में लाये। इसे हिरण्यगर्भ कहा गया। भगवान सूर्य का दूसरा नाम हिरण्यगर्भ भी है। भगवान सूर्य ऐसे देवता हैं जो इस सृष्टि को आलोकमान करते हैं। प्रजापिता ब्रह्मा ने सृष्टि की …

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भगवान सूर्य के साधने से सध जाते हैं सभी ग्रह

भगवान सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र हैं और ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार भगवान श्री सूर्य सभी ग्रहों के प्रधान देवता हैं। यदि भगवान सूर्य की आराधना कर ली जाए तो सभी ग्रह अपने आप सध जाते हैं। भगवान सूर्य अपनी रश्मियों से अपार उत्साह प्रदान करते हैं। सूर्य के बलवान होने से जातक में आत्मविश्वास, उत्साह अपार होता है साथ ही वह …

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सूर्य देव की कृपा से मिलता है ऐश्वर्य और आनंद

प्रकृति में भगवान आदित्य साक्षात् परम पिता का प्रकाश पुंज स्वरूप है। सूर्य देव हमारे हर कार्य के साक्षी होते हैं। ऐसे में भगवान सूर्य को नमन करके कोई भी कार्य करने से सफलता मिलती है। भगवान सूर्य को विस्वान भी कहा जाता है। माना जाता है कि हम वैवस्वत मनु की संतान हैं अर्थात् हम मानव सूर्य देव की ही …

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सात घोड़ों के रथ पर आरूढ़ भगवान सूर्य

सूर्यदेव की दो भुजाएं हैं, वे कमल के आसन पर विराजमान रहते हैं, उनके दोनों हाथों में कमल सुशोभित हैं। उनके सिर पर सुंदर स्वर्ण मुकुट तथा गले में रत्नों की माला है। उनकी कान्ति कमल के भीतरी भाग जैसी है और वे सात घोड़ों के रथ पर आरुढ़ रहते हैं। सूर्य देवता का एक नाम सविता भी है, जिसका …

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