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भगवान सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता: धर्म

रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है. क्योंकि रविवार का दिन सूर्य की उपासना का होता है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है और नवग्रह शांति विधान के अनुसार भी सूर्योपासन करने मात्र से समस्त …

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फाल्गुन अमावस्या पर श्राद्ध कर्म करने का बहुत अधिक महत्व होता: धर्म

महाशिवरात्रि के पावन पर्व के बाद फाल्गुन अमावस्या की तिथि पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। यह दिन विशेषकर पितरों की आत्मशांति के लिए होता है और इस दिन श्राद्ध कर्म करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आज 23 फरवरी, रविवार को अमावस्या तिथि है। किसी का भी अपमान न करें। …

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इस जगत में सच्ची व स्थाई खुशी केवल परमदेव परमात्मा ही दे सकते है: धर्म

खुशी और शांति की तलाश सर्वव्यापी है। दुखी कोई भी नहीं रहना चाहता। लोग अलग-अलग तरीकों से और अपनी इच्छापूर्ति के द्वारा ही खुशियां प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। कोशिश यही होती है कि हम अपनी इच्छाओं को पूरा कर पाएं। हमारी इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता। एक इच्छा पूरी होती है, तो दूसरी पैदा हो जाती है। …

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हाथ जोड़कर नमस्कार करना हिंदू धर्म की प्राचीन परंपरा और सभ्यता: धर्म

रीति-रिवाज और परंपराएं हर किसी की व्यक्तिगत आस्था का सवाल होती हैं। लेकिन हिंदू धर्म में बहुत से ऐसे रीति-रिवाज हैं जिनके वैज्ञानिक आधार हैं। हाथ जोड़कर नमस्कार करना हिंदू धर्म की प्राचीन परंपरा और सभ्यता है। दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने से आप सामने वाले को सम्मान भी देते हैं साथ ही इस क्रिया के वैज्ञानिक महत्व के कारण …

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होलाष्टक अवधि भक्ति की शक्ति का प्रभाव दिखाने का दिन: धर्म

शुभ कार्यों में वर्ज्य होलाष्टक 03 मार्च से आरंभ होकर 09 मार्च तक चलेगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन शुक्लपक्ष अष्टमी होलाष्टक तिथि का आरम्भ है। इस तिथि से पूर्णिमा तक के आठों दिनों को होलाष्टक कहा गया है। शुभ कार्यों के लिए वर्जित इन आठों दिनों के बारे में अनेकों पौराणिक घटनाओं का वर्णन मिलता है। किन्तु होलाष्टक अवधि …

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