मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बीजा नगरी और यहां पर स्थित है शक्ति स्वरूपा मां हरसिद्धि का चमत्कारी मंदिर। यूं तो सालभर अपनी मनोकामनाएं लेकर श्रद्धालु यहां आते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान तो यहां आस्था का सैलाब ही उमड़ आता है। > इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां लगभग …
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जब सांईं बाबा मरकर जी उठे, उन्होंने म्हालसापति को बता दिया था उनके बेटे के बारे में
शिरडी के सांईं बाबा के भक्त म्हालसापति का पूरा नाम म्हालसापति चिमनजी नगरे था। वे पेशे से सुनारी का कार्य करते थे। म्हालसापति ने ही बाबा को सबसे पहले ‘आओ साईं’ कहकर पुकारा और उन्हें साईं नाम दिया। म्हालसापति पर बाबा को अटूट विश्वास था।एक दिन बाबा ने तीन दिन के लिए अपने शरीर को छोड़ने से पहले म्लालसापति से कहा …
Read More »रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य
वाल्मीकि रामायण के बाद अगर कोई और राम कथा सबसे प्रसिद्ध है तो वो है तुलसीदास कृत रामचरितमानस। इसे तुलसीदास जी ने १५७४ ईस्वी में लिखना आरम्भ किया था और २ वर्ष ७ मास और २६ दिन के बाद १५७६ ईस्वी को इसे पूर्ण किया। आइये रामचरितमानस के बारे में कुछ अनसुने तथ्य जानते हैं। मानस में “राम” शब्द कितनी बार …
Read More »वे लोग जिन्होंने शिर्डी के सांईं बाबा को देखा- भाग- 1
श्री सांईं बाबा जब शिर्डी में अपनी लीला कर रहे थे तब उनके साथ कई लोग थे। उनमें से कुछ उनके विरोधी भी थे, तो कुछ समर्थक। आज भी यह सिलसिला जारी है। यूं तो बाबा को साक्षात देखने वालों की लिस्ट में सैकड़ों लोग हैं लेकिन यहां उन लोगों के नाम लिख रहे हैं जिन्होंने बाबा के साथ बहुत …
Read More »हनुमानजी को जब भूतनियों ने भूतराजा के समक्ष थाली में सजाकर किया पेश
यह पौराणिक कथा है। हालांकि इसका उल्लेख रामायण आदि ग्रंथों में विस्तार से नहीं मिलता है। हो सकता है कि यह किवदंतियों के आधार पर जनमानस में प्रचलित हो गई हो। यह भी हो सकता है कि इस कथा में सचाई कम ही हो, लेकिन कथा मजेदार है। आप भी पढ़िये। इस कथा के अनुसार एक दिन राम सिंहासन पर विराजमान थे तभी …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।