महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक पांडवों और कौरवों के बीच लड़ा गया. इसमें बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ. धृतराष्ट्र के सो पुत्रों को जान गंवानी पड़ी. यह युद्ध महात्वाकांक्षाओं और पुत्र मोह के कारण हुआ था. महाभारत की लड़ाई जब निर्णायक मोड़ पर आ गई तो युद्ध के 17 वें दिन ऐसा हुआ जिसकी किसी को कल्पना भी नहीं …
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चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ख्याल, मंत्र जाप का मिलता है अनन्त गुना फल
चंद्र ग्रहण का पौराणिक ग्रंथों में काफी महत्व बताया गया है। चंद्रमा को मानव मन का प्रतीक मानते हुए उसका इंसान की मनोस्थिति से संबंध बतलाया गया है। दूर ब्रह्मांड में घटित होने वाली इस घटना का मानव जीवन का निकट का संबंध रहता है। हालांकि शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण का मानव जीवन पर ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन …
Read More »भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से काट दिया था दैत्य का मस्तक, जानिए राहु-केतु के गुण-दोष
राहु-केतु दोनों ग्रहों को छाया ग्रह के नाम से जाना जाता है और इनको पाप ग्रह भी कहा जाता है। दोनों ग्रहअस्तित्व हीन होते हैं दूसरे ग्रहों की प्रकृति के अनुसार अपना प्रभाव देते हैं। कुछ अवसरों पर इनका प्रभाव शुभ भी होता है। राहु और केतु यदि व्यक्ति की कुंडली में दशा-महादशा में हों तो व्यक्ति को काफी दिक्कतों …
Read More »….तो इसलिए मेघनाद को मिला था सदैव विजयी होने का वरदान, एक गलती से मिली मौत
इन दिनों रामायण से जुड़े किस्से पढ़ना लोग पसंद कर रहे हैं क्योंकि इस समय रामायण को प्रसारित किया जा रहा है जो लोग देख रहे हैं. ऐसे में आप जानते ही होंगे रामायण में इस समय राम और रावण के सैनिकों के बीच युद्ध चल रहा है. वहीं लक्ष्मण जी ने मेघनाद का वध कर दिया है. ऐसे में …
Read More »जानिए क्यू माता सीता के अपहरण पर नाराज था कुंभकर्ण, कही थी यह बात
इस समय टीवी पर रामायण का प्रसारण हो रहा है और उसे देखने के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में आज हम बताने जा रहे हैं रामायण के पात्र कुंभकर्ण के बारे में. जी दरसक कुंभकर्ण रावण का भाई था और कुंभकर्ण ने एक बार घोर तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न …
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