दक्षिण भारतीय राज्य केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक किले के भीतर पद्मनाथ भगवान का मंदिर है, इन्हें अनन्तशयन भी कहते हैं। यहां भगवान पद्मनाभ की शेषशय्या पर शयन किये हुए विशाल मूर्ति है। मूर्ति की लम्बाई 18 मीटर है। इतनी बड़ी शेषशायी मूर्ति देश विदेश के किसी और मंदिर में नहीं है। यहां भगवान की नाभि से निकले कमल …
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यहां हनुमान जी के चरणों में विराजमान है स्त्रीरूपी शनिदेव
कलियुग के देवता कहे जाने वाले पवनपुत्र हनुमान जी, भक्तो की भक्ति से शीघ्र प्रसन्न होने वाले तथा संकट से मुक्त करने वाले देव हैं। उन्होंने मात्र जीवधारियों के ही नहीं बल्कि स्वयं भगवान राम के भी काम संवारे हैं। गुजरात के भावनगर में सारंगपुर नामक स्थान पर विराजमान कष्टभंजन हनुमान की कहानी भी कुछ निराली हैं। उनके नाम से …
Read More »भगवान दत्तात्रेय के विविध रूप और पादुका पूजन
जो आदि देवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संगम कहा जाता है। इन तीनों ही शक्त्यिों के साथ भगवान दत्तात्रेय इस धरा पर अवतरित हुए थे। उनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां विद्यमान हैं। उन्हें अत्रेय और अनुसूईया माता की संतान होने के कारण दत्तात्रेय के नाम से जाना जाता है। भगवान इतने तेजस्वी थे कि वे माता के सतीत्व की परीक्षा …
Read More »श्री सांई के 9 गुरूवार भक्तों को देते हैं तार
शिरडी के श्री सांई बाबा जिनका नाम लेते ही सारे संकट मिट जाते हैं सारे पाप उतर जाते हैं। ऐसे श्री सांई बाबा आज भी अपने श्रद्धालुओं के स्मरण करते ही उनकी मदद करने पहुंच जाते हैं। श्री सांई के अद्भुत चमत्कारों से श्रद्धालु आज भी अभिभूत हो जाते हैं। आज भी बाबा की पावन समाधि और देशभर के श्री …
Read More »देव गुरू बृहस्पति देते हैं शीघ्र विवाह का वरदान
गुरूवार गुरू की आराधना का वार होता हैं यूं तो गुरू और माता – पिता के लिए कोई दिन निर्धारित नहीं होता लेकिन कोई ऐसा दिन जब हम उन्हें दिल से स्मरण करते हैं और अपना पूरा समय उन्हें देते हैं वह उनका दिन कहलाता है। ऐसे में उसकी आराधना करना और उससे ज्ञान लेना बेहद श्रेष्ठ होता है। श्रद्धालु शिरडी …
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