महाप्रतापी एवं दैत्यराज बलि के 100 पुत्र थे जिसमे उसके सबसे बड़े पुत्र का नाम वाणासुर था, वाणासुर बचपन से ही भगवान शिव का परम भक्त था जब वाणासुर बड़ा हुआ तो वह हिमालय पर्वत की उच्ची चोटियों पर भगवान शिव की तपस्या करने लगा. उसके कठिन तपस्या को देख भगवान शिव उससे प्रसन्न हुए तथा उसे सहस्त्रबाहु के साथ साथ अपार …
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