हिंदू धार्मिक ग्रंथों में प्रकृति को देवता कहा गया है। जल, अग्नि, वायु, धरती और आकाश, इन पंचतत्वों से बने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी इन पांच तत्वों की जरूरत होती है। इन्हीं पंचतत्वों में से एक है धरती। इस पर पाई जाने वाली समस्त वनस्पतियां, पेड़-पौधे हमारे जीवित रहने के लिए जितने जरूरी हैं, उतने ही हमारे ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव को कम करने के काम भी आते हैं।
शमी को माना गया चमत्कारिक पौधा
पुराणों में कुछ पेड़-पौधों को धार्मिक वृक्षों का दर्जा दिया गया है। इन वृक्षों के चमत्कारिक लाभ और देवी-देवताओं का इनमें वास होने के कारण इन्हें यह दर्जा दिया गया है। शास्त्रों में नवग्रहों से संबंधित पेड़-पौधों का जिक्र मिलता है। इन्हीं में से एक है शमी का पौधा या वृक्ष। शमी का संबंध शनि देव से है। इसे एक चमत्कारिक पौधा भी माना जाता है, क्योंकि जो व्यक्ति इसे घर में रखकर इसकी पूजा करता है उसे कभी धन की कमी नहीं होती।
भगवान शिव को प्रिय है शमी के फूल
मान्यता के मुताबिक घर में शमी का पेड़ लगाने से आपके पूरे परिवार पर देवी-देवताओं का कृपा बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि भगवान शिव को शमी के फूल अत्यंत प्रिय हैं। पूजा के वक्त भोलेनाथ को शमी के फूल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सभी संकटों से दूर करते हैं। इतना ही नहीं शमी का पेड़ शनि के प्रकोपों से भी बचाता है।
शमी के पौधे से मिलती है शनिदेव की कृपा
कहा जाता है कि शमी का संबंध शनि देव से है। नवग्रहों में ‘शनि महाराज’ को दंडाधिकारी का स्थान प्राप्त है, इसलिए जब शनि की दशा या साढ़ेसाती आती है, तब जातक के अच्छे-बुरे कर्मों का पूरा हिसाब होता है इसलिये शनि के कोप से लोग भयभीत रहते हैं। पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं, जिन पर शनि का प्रभाव होता है। शनिवार की शाम को शमी वृक्ष की पूजा करने और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से कुप्रभाव से बचा जा सकता है
शमी के पौधे की पूजा से धन की कभी नहीं होती है कमी
शमी को एक चमत्कारिक पौधा माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इसे घर में रखकर इसकी पूजा करता है उसे कभी धन की कमी नहीं होती। ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक सोमवार को शमी के पौधे में एक लाल मौली बांधे, इसे रातभर बंधे रहने दें। अगले दिन सुबह वह मौली खोलकर एक चांदी की डिबिया या ताबीज में भरकर तिजोरी में रखें, कभी धन की तंगी नहीं होगी। शनिवार को पेड़ के सबसे निचले भाग में उड़द की काली दाल और काले तिल चढ़ाने को भी शुभ माना गया है।
भगवान गणेश को भी प्रिय है शमी पत्र
भगवान गणेश को भी दूर्वा के समान शमी पत्र भी प्रिय है गणेशजी को हर बुधवार शमी के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं। मान्यता है कि शमी में शिव का वास होता है, इसी वजह से ये पत्ते गणेशजी को चढ़ाते हैं। शमी पत्र चढ़ाने से बुद्धि तेज होती है, घर की अशांति दूर होती है।
इस दिन लगाएं शमी का पौधा
शनिवार के दिन शमी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। इसे गमले में भी लगा सकते हैं। सामान्यता इसे घर के मुख्य द्वार के पास लगाया जाता है। घर के अंदर शमी का पौधा लगाना शुभ नहीं मानाता जाता है। वैसे इसे विजयदशमी के दिन लगाना सबसे उत्तम माना जाता है। विजयदशमी का शुभ दिन तरक्की को दर्शाता है और शमी का पेड़ इस दिन लगाने से आपका भाग्य भी चमकने लगता है।
इस दिशा में लगाएं शमी का पौधा
मान्यता के मुताबिक शमी का पेड़ इस तरह लगाना चहिए कि घर से बाहर निकलते वक्त आपके दाएं हाथ की तरफ पड़े। अगर आपके घर के बाहर इस प्रकार की जगह नहीं है तो आप इसे घर की छत पर भी लगा सकते हैं। छत पर लगाएं तो इसे आप दक्षिण दिशा में रखें और अगर यहां धूप न हो तो पूर्व दिशा या फिर ईशान कोण में भी रख सकते हैं।