देवभूमि हिमाचल प्रदेश के दो जनपदों मंडी और बिलासपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत मैहरी काथला में स्थित बाबा ‘अन्नपूर्णा’ मंदिर अनायास ही श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लोककथा के अनुसार करीब 2000 वर्ष पूर्व बाबा अन्नपूर्णा ने यहां घोर तपस्या की थी और चिमटे के प्रहार से यहां सदाबहार जलधारा प्रस्फुटित की थी। जो आज भी …
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अपने मंदिर में पूजा के साथ साथ करे ये भी काम अलग से तभी होंगी मनोकामना पूरी…
सनातन हिन्दू धर्म में अगरबत्ती का प्रयोग वर्जित है। दाह संस्कार में भी बांस नहीं जलाते। फिर बांस से बनी अगरबत्ती जलाकर भगवान को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं? शास्त्रों में बांस की लकड़ी जलाना मना है। अगरबत्ती जलाने से पितृदोष लगता है। शास्त्रों में पूजन विधान के समय कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता सब जगह धुप ही …
Read More »कभी भी गुजर रहे हैं शमशान घाट के पास तो ये करना न भूले, वरना हो सकता हैं कुछ ऐसा …
हिंदू धर्म में मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार नदियों के किनारे ही किया जाता है, जिसे श्मशान घाट कहते हैं। श्मसानघाट में शवों को लाकर उनका दाह संस्कार या अंतिम संस्कार किया जाता है.. ऐसे में श्मसान घाट वो स्थल है जहां मृत आत्माओं का बसेरा माना जाता है।इसलिए वहां सभी का जाना उचित नहीं माना जाता है। हिंदू धर्म …
Read More »नव विवाहित जोड़ो की अगर हैं सामान राशी तो आ सकती है ये परेशानी..
हिन्दू धर्म में शादी सिर्फ लड़का-लड़की का ही मिलन नहीं होता बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। शादी के पवित्र बंधन में बंधने से पहले वर-वधू की कुंडली मिलाई जाती है। कहीं कोई ग्रह दोष तो नहीं है। कहते हैं शादी से पहले कुंडली मिलाना बहुत जरूरी है, जिससे आगे जाकर रिश्तों में खटास नहीं आती। आप लोगों ने …
Read More »बलि चढाने के बाद भी नहीं मरता बकरा, ये सच हैं या हैं फ़साना …..
बिहार के कैमूर ज़िले के भगवानपुर अंचल में कैमूर पर्वतश्रेणी की पवरा पहाड़ी पर 608 फीट ऊंचाई पर माता मुंडेश्वरी का एक अनोखा और प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर का संबंध मार्केणडेय पुराण से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां पर प्राचीन शिवलिंग की महिमा भी वर्णीय है। इस …
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