14 नवंबर को रोशनी का पावन त्यौहार दिवाली है। प्रत्येक वर्ष यह फेस्टिवल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह खुशियों तथा सुख-समृद्धि का पर्व है। दिवाली में लोग एक-दूसरे को शुभकामनाओं के साथ-साथ मिठाई तथा गिफ्ट्स देते हैं। किन्तु कई बार लोग भूलवश एक दूसरे को कुछ ऐसे उपहार दे देते हैं जिसका नकारात्मक असर दोनों …
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इस तरह ब्रम्हाजी ने अपने ब्रम्ह कमल से जोड़ा था गणेशजी का सर
ब्रह्म कमल सुंदर, सुगंधित और दिव्य फूल है. देवताओं का प्रिय यह फूल, आधी रात को खिलता है. वनस्पति शास्त्र में ब्रह्म कमल की 31 प्रजातियां बताई गईं हैं. यह फूल हिमालय पर खिलता है. वर्ष में केवल जुलाई-सितंबर के बीच खिलने वाला यह फूल मध्य रात्रि में बंद हो जाता है. ब्रह्म कमल औषधीय गुणों से भरपूर है. इसे …
Read More »आइये जाने आखिर क्यों नहीं काटना चाहिए पीपल का वृक्ष
धर्मशास्त्रों में कुछ पेड़ों के काटने की साफ मनाही है. ऐसे वृक्षों में पीपल का स्थान सबसे ऊपर है. पीपल को न काटने के पीछे कई तरह की मान्यताएं हैं. आज हम बतायेगे की क्यों नहीं काटना चाहिए पीपल का पेड़ – 1-शास्त्रों में भी पीपल को हर तरह से उपयोगी माना गया है. इसके धार्मिक महत्त्व को आधार बनाकर …
Read More »2 नवम्बर यानि आज का पंचांग, जानिए राहुकाल, शुभ और अशुभ मुहूर्त
आज के समय में पंचांग देखना शुभ होता है ताकि राहुकाल से लेकर अशुभ मुहूर्त तक के बारे में पता लग सके। तो आइए आज हम आपको दिखाते हैं आज का यानी 2 नवम्बर का पंचांग। 2 नवम्बर का पंचांग- आज की तिथि- द्वितीया- 01:13 तक आज सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय सूर्योदय का समय : 06:34 सूर्यास्त का समय : …
Read More »सूर्य आराधना से समस्त मनोकामना होती है पूर्ण
भारतीय धर्म और संस्कृति में सूर्य को साक्षात् ईश्वर कहा जाता है। मान्यता है कि हमारे पूर्वज वैवस्वत मनु की ही संतानें हैं। वैवस्वत अर्थात् विवस्वान, जो कि भगवान सूर्य का ही नाम है। अप्रत्यक्ष तौर पर हमारा जन्म भगवान सूर्य के माध्यम से हुआ है। इस तरह से सूर्य जगत् पिता हैं। सूर्य में सृष्टि की शक्ति विद्यमान है, …
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